बांग्ला कवि विनय मजुमदार की एक कविता
बांग्ला के विलक्षण कवि विनय मजुमदार के यहां प्रेम कोई आध्यात्मिक वस्तु भले ही न हो किन्तु वह पवित्र अवश्य है- प्रकृति की तरह, फूलों, झरनों, पहाड़ों और नदियों की तरह। यह अस्थि-मज्जा से युक्त रक्त, मांस से भरपूर...