आबल-ताबल – ललन चतुर्वेदी परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है।...
Read moreरेखा चमोली की कविताएं स्थानीय दिखती हुई भी आदमी की संवेदनाओं से जुड़कर इसलिए वैश्विक हो जाती हैं की वे स्त्री विमर्श के बने बनाये ढांचे को तोड़कर समानता की ऐसी...
आबल-ताबल – ललन चतुर्वेदी परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है। वे व्यंग्य के शिखर हैं - उन्होंने इस विधा को स्थापित किया, लेकिन...
आबल-ताबल – ललन चतुर्वेदी परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है। वे व्यंग्य के शिखर हैं - उन्होंने इस...
नयी सदी के पूर्वार्ध में कम कहानियाँ लिख कर भी विषय की नवीनता के कारण जिन कथाकारों ने अपनी एक अलग पहचान बनायी उनमें राजेश प्रसाद का नाम अलग से रेखांकित किया...
आबल-ताबल – ललन चतुर्वेदी परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है। वे व्यंग्य के शिखर हैं - उन्होंने इस विधा को स्थापित किया, लेकिन...
रूपम मिश्र को मनीषा त्रिपाठी अनहद कोलकाता सम्मान-2022 अनहद कोलकाता एवं एमटीएफ फिल्म द्वारा आयोजित एक पारिवारिक कार्यक्रम में आज चर्चित युवा कवि रूपम मिश्र को मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान...
परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है। वे व्यंग्य के शिखर हैं। उन्होंने इस विधा को स्थापित किया लेकिन यह विधा इधर के दिनों में...
युवा कवि रूपम मिश्र को 7 जनवरी 2023 को द्वितीय मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान प्रदान किया गया है। कवि को बहुत बधाई। ध्यातव्य कि सम्मान समारोह में युवा साथी मृत्युंजय...
ज्ञान प्रकाश पाण्डे ज्ञान प्रकाश पाण्डे की ग़ज़लें एक ओर स्मृतियों की मिट्टी में धँसी हुई हैं तो दूसरी ओर वर्तमान समय की नब्ज पर उंगली भी रखतीं है। उनकी...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
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