शिप्रा मिश्रा नदी अपना मार्ग स्वयं बनाती है कोई नहीं पुचकारता उछालता उसे कोई उसकी ठेस पर मरहम नहीं लगाता नदी यदि स्त्री है तो उसे स्वयं मार्ग बनाना होता है और...
शालिनी सिंह ''जीवन देवताओं के साथ बीत रहा है निश्चिंत भेद करना कठिन है कि जीवन में देवता बचे हैं या देवताओं के बीच जीवन बचा है'' यह एक स्त्री का दुख...
गरिमा सिंह "शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं का घटना या बढ़ जाना नही बता सकता है सपनों के मरने की दर और उसे जिन्दा रखने की आदमी की जद्दोजहद को कोशिकाओं के...
दिव्या श्री दिव्या श्री हिन्दी की युवतर कवि हैं और पिछले सालों में अपनी संवेदनात्मक एवं प्रेम विषयक कविताओं से हिन्दी जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इनकी कविताएँ बहुत पहले...
गुंजन उपाध्याय पाठक 'मूर्खों की शौर्य गाथा में कभी ईश्वर इतना मजबूर नहीं था' इन पंक्तियों को लिखने वाली कवि गुंजन उपाध्याय पाठक के सरोकार गहन रूप से समय के सरोकार से...
रुचि बहुगुणा उनियाल रुचि बहुगुणा उनियाल की कविताओं में जो बेचैनी और छटपटाहट है वह हर संवेदनशील मनुष्य के मन में है क्योंकि समय ही ऐसा हो चला है कि आप कई-कई...
अनुपमा कुछ कविताएं ऐसी होती हैं, जिन्हें ठहर कर पढ़ना पड़ता है। अनुपमा की कविताएं भी ऐसी ही हैं। यूं ही नहीं वे भाषा में सुस्ताने की बात करतीं हैं। इसके गहरे...
पायल भारद्वाज पायल भारद्वाज युवतर एवं बेहद संभावनाशील कवि हैं। उनकी कविताओं में स्त्री के दर्द और बेवशी के साथ समय की विडंबना भी झलक रही है। सहज भाषा में लिखी ये...
नेहा नरूका नेहा नरूका का लेखन साहसिक रचनाशीलता का दुर्लभ उदाहरण प्रस्तुत करता है - साथ ही प्रतिबद्ध लेखन अब तक की उनकी रचनाओं में एक कवित्व कौशल के साथ मौजूद है।...
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