अर्चना लार्क की सात कविताएँ
अर्चना लार्क की कविताएँ यत्र-तत्र देखता आया हूँ और उनके अंदर कवित्व की संभावनाओं को भी महसूस किया है लेकिन इधर की उनकी कुछ कविताओं को पढ़कर लगा कि वे लागातार अपने कवि मानस...
अर्चना लार्क की कविताएँ यत्र-तत्र देखता आया हूँ और उनके अंदर कवित्व की संभावनाओं को भी महसूस किया है लेकिन इधर की उनकी कुछ कविताओं को पढ़कर लगा कि वे लागातार अपने कवि मानस...
नेहा नरूका समकालीन हिन्दी कविता को लेकर मेरे मन में कभी निराशा का भाव नहीं आय़ा। यह इसलिए है कि तमाम जुमलेबाज और पहेलीबाज कविताओं के बीच मुझे लागातार ऐसी कविताएँ पढ़ने-देखने...
आधा डूबा आधा उठा हुआ विश्वविद्यालय भरत प्रसाद ‘चुनाव’ शब्द तानाशाही और अन्याय की दुर्गंध देता है। जबकि मजा यह कि इंसानों से पटी पड़ी दुनिया में खोजना...
सत्ता के बहुभुज का आख्यान ( उदय प्रकाश की कथा सृष्टि से गुजरते हुए ) विनय कुमार मिश्र उदय प्रकाश ‘जिनके मुख देखत दुख उपजत’ --नाभादास भक्त कवि नाभादास को अपने...
सुबोध सरकार सुबोध सरकार बांग्ला भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित कविता-संग्रह द्वैपायन ह्रदेर धारे के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सुबोध सरकार,...
एक पाठक का आलाप : ‘आधी सदी का कोरस’ के बहाने मदन पाल सिंह और उसका कामना युक्त, प्यासा मुख नभोनील पीने के लिए व्याकुल है जैसे अपनी तरुणाई में वह...
उज़्मा सरवत बीनिश उज़्मा सरवत बीनिश ने अभी-अभी कविताओं की दुनिया में प्रवेश किया है लेकिन कितनी बोलती-चुप और सधे कदमों से। उनकी कविताओं के बहुत से रंग हम भविष्य में देख...
राहुल राजेश राहुल राजेश समकालीन कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनकी प्रस्तुत कविताओं में कोलकाता शहर के अलग-अलग रंग हैं। उन्होंने इस शहर में रहते हुए इस पुराने शहर को न केवल...
गोलगप्पे वाला पूर्व गोपाल नगर मंदिर बाजार, 24 परगना, पश्चिम बंगाल लगभग छः पुस्तों से ये लोग डायमंड हार्बर से एक घण्टे की दूरी पर रह रहे हैं। यह गांव मुझे सचमुच अजूबा...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
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