प्रसन्न कुमार झा की पहिलौंठी कविताएं
प्रसन्न कुमार झा की कविताएं एक सर्वथा नवीन भाषा और नूतन अभिव्यक्ति की छटपटाहट से लैस हैं। यह स्वभाविक भी है क्योंकि प्रसन्न अपनी अभिव्यक्ति की पहली दहलीज पर हैं और उनके...
प्रसन्न कुमार झा की कविताएं एक सर्वथा नवीन भाषा और नूतन अभिव्यक्ति की छटपटाहट से लैस हैं। यह स्वभाविक भी है क्योंकि प्रसन्न अपनी अभिव्यक्ति की पहली दहलीज पर हैं और उनके...
बत्तीस की उम्र में कुँवारापन कुँवारेपन की इस उम्र में बंद सपने नहीं आते आकाश की तरह खुले और तेज बरसात में धुली सड़क की तरह साफ और हद से ज्यादा चिकने...
नीरज चड्ढानीरज चड्ढा एक ऐसे मित्र रहे हैं जिन्हें मैं एक गंभीर अध्येता और वैज्ञानिक के रूप में जानता था। कई बार मंच से जब वे बोलते थे तो ऐसी कविताएं उद्धृत...
अरूण शीतांश का जन्म 1972 में अरवल जिले के विष्णुपुरा गांव में हुआ था। भूगोल से स्नातकोत्तर और फिर पी.एच.डी. की उपाधि अर्जित करने वाले अरूण शीतांश की कविताएं देश की सभी...
अशोक कुमार पाण्डेअशोक कुमार पाण्डेय आज के समय में एक विरल रचनाकार हैं। इस अर्थ में कि उनकी रचनाएं हर बार चलकर उस आदमी के पास पहुंचती है जो सदियों से शोषित...
श्रीकांत दुबे -09873964044कवि-कथाकार श्रीकांत दुबे दिल्ली में नौकरी करते हैं और साथ-साथ लेखन भी। इन्होंने ढेर सारी स्पैनिश कविताओं का बहुत ही बढ़िया अनुवाद किया है जिसकी खासी चर्चा होती रही है।श्रीकांत...
1971 में बलिया में जन्में संतोष कुमार चतुर्वेदी ने भारतीय इतिहास से स्नातकोत्तर के साथ ही पत्रकारिता एवं जनसंचार में परास्नातक की पढ़ाई की है। इनकी कविता की पहली किताब पहली बार...
नील कमल / संपर्कः 09433123379नील कमल का काव्य संग्रह हाथ सुंदर लगते हैं हाल ही में प्रकाशित होकर आया है जिसकी खूब चर्चा भी हो रही है। नील कमल करीब दो दशकों...
विपिन चौधरी लंबे समय से कविताएं लिख रही हैं। अब तक उनके दो काव्य संग्रह 'अंधेरे के माध्यम से' और 'एक बार फिर' प्रकाशित हो चुके हैं। अभी हाल ही में विपिन...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
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