हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
अनहद कोलकाता में प्रकाशित रचनाओं में प्रस्तुत विचारों से संपादक की सहमति आवश्यक नहीं है. किसी लेख या तस्वीर से आपत्ति हो तो कृपया सूचित करें। प्रूफ़ आदि में त्रुटियाँ संभव हैं। अगर आप मेल से सूचित करते हैं तो हम आपके आभारी रहेंगे।
पहली तनख़्वाह विनीता बाडमेरा विनीता बाडमेरा आज फिर उदासी तारी है,यह उदासियां जाती नहीं।करूं तो क्या? कितना मोबाइल,कितना टीवी अब तो इन सबसे भी...
हंसा दीप का नाम प्रवासी रचनकारों में महत्वपूर्ण है। वे दीर्घ काल से रचनारत हैं और हिन्दी कहानी के क्षेत्र में एक सार्थक हस्तक्षेप किया है।...
सविता पाठक की एक कहानी 'जुड़हिया पीपल और जला दिल' हम अनहद कोलकाता पर पहले भी पढ़ चुके हैं । इसबार प्रस्तुत है उनकी नयी कहानी 'हिज्र...
आबल-ताबल – ललन चतुर्वेदी परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है। वे व्यंग्य के शिखर हैं - उन्होंने...
आबल-ताबल – ललन चतुर्वेदी परसाई जी की बात चलती है तो व्यंग्य विधा की बहुत याद आती है। वे व्यंग्य के शिखर हैं - उन्होंने...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2009-2022 अनहद कोलकाता by मेराज.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
पढ़कर आनंदित हुआ ||
बधाई ||
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
Atyant jivant prastuti ! Dhanyavaad padhvaane hetu !!
राहुल सिंह का नया रूप अच्छा लगा….. कहानी सारगर्भित और दिल को छु जाने वाली है….. आपकी प्रस्तुति बेहतरीन है.