‘अनहद’ के जनवरी अंक में एक कहानी
पिता विमलेश त्रिपाठी “The child is the father of a man.” - William Wordsworth ।तेइस साल के उस युवक की बातें एक साथ सैकड़ों बरछे की तरह...
पिता विमलेश त्रिपाठी “The child is the father of a man.” - William Wordsworth ।तेइस साल के उस युवक की बातें एक साथ सैकड़ों बरछे की तरह...
ऋतेश काफी समय तक रंगमंच से जुड़े रहे। उन्होंने '..और अंत में प्रार्थना' और 'तख्त-ओ-ताब' जैसे सफल नाटकों का निर्देशन और मंचन किया। नीलांबर नामक साहित्यिक संस्था के गठन में उनकी महत्वपूर्ण...
नील कमल समय के संजीदा कवि हैं । संपर्कः 09433123379एक बार की बात(बच्चों के लिये एक कविता) एक बार की बात सुनो तुम चमकीली वह रात सुनो तुम । अपने आंगन में ...
मेरा जन्म ऐसे परिवेश में हुआ जहां लिखने-पढ़ने की परम्परा दूर-दूर तक नहीं थी। कहने को हम ब्राह्मण थे, लेकिन मेरे बाबा को क भी लिखने नहीं आता था, शायद यही वजह...
नील कमल का काव्य संग्रहइस समय के समर्थ युवा कवि नील कमल का जन्म 15 अगस्त 1968 को वाराणसी के एक गांव भटेलहा में हुआ। देश की सभी पत्र-पत्रिकाओं में कविता, समीक्षा...
संदीप प्रसाद ने स्नातकोत्तर की पढ़ाई प्रेसिडेण्सी कॉलेज, कोलकाता से पूरी की है। स्कूल के समय से ही कविताएं लिख रहे हैं। कुछ पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित हुई हैं। फिलहाल वे पश्चिम...
जन्म -बक्सर (बिहार)कथादेश, देशज, परिकथा सहित पत्र -पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। कविताएँ लीलाधर मंडलोई द्वारा सम्पादित किताब "कविता का समय" में भी। अचला शर्मा और सुधीश पचौरी की किताब नए जनसंचार माध्यम और हिंदी में...
ये कविताएं कुछ ही दिन पहले की लिखी हैं। पता नहीं कैसी हैं। बहुत संकोच के साथ मैं इसे आपके सामने रख रहा हूं। इस आशा के साथ कि आप अपनी बेवाक...
21 मार्च, 2010• इसका आना शुभ रहा। अब तक यही सोचता हूँ। एक साध पूरी हुई वर्षों की। वैसे ऑफिस में तो यह पहले से ही था लेकिन ऑफिस के कम्प्युटर को...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
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