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लेखक संगठनों की भूमिका और हिन्दीः नील कमल

लेखक संगठनों की भूमिका और हिन्दीःकुछ बेतरतीब खयालनील कमलनील कमलसोचता हूं कि इतने सारे मजहब न होते तो भी दुनिया इतनी ही सुंदर होती । लेकिन सोचने से क्या होता है ।...

केदारनाथ सिंह के काव्य में लोक संस्कृति और लोकतंत्र

Normal 0 false false false EN-US X-NONE HI   केदारनाथ सिंह के काव्य में लोक संस्कृति और लोकतंत्रविमलेश त्रिपाठी“पिछले 20-21 साल से दिल्ली में हूं, इससे पहले गांव से ज्यादा निकटता थी।...

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संजीव बख्शी की लंबी कविता – बस्तर का हाट

कवि-कथाकार संजीव बख्शी पिछले कई दशकों से कविता में सक्रिय रहे हैं। उनके लागातार आ रहे संकलन कविता में उनकी गहरी सक्रियता के प्रमाण हैं। संजीव जी की कविताएं सहज होने के साथ...

कविता की कहानी

कविताकविता जी की कहानियों में शिल्प की जहां सहजता है वहीं समय की जटिलता भी है। सहज शिल्प और बोधगम्य भाषा में अपनी बात को प्रभावी ढंग से कहना आज के किसी...

संतोष अलेक्स की कविताएं

संतोष अलेक्ससंतोष अलेक्‍स की हिंदी कविताएं यत्र-तत्र पत्रिकाओं में छपती रहती हैं। उनका कविताओं के क्षेत्र में किया गया अनुवाद का काम उल्लेखनीय है। यहां प्रस्तुत कविताएं अपने तरह की बिल्कुल अलग...

अमित आनंद की कविताएं

अमित आनंदअमित आनंद का परिचय इसलिए भी देना जरूरी है क्योंकि वे पहली बार किसी ब्लॉग पर अपनी कविताओं के साथ उपस्थित हैं। उनकी कविताएं पढ़ते हुए हम एक ऐसी दुनिया में...

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