अनुपमा की कविताएँ
अनुपमा कुछ कविताएं ऐसी होती हैं, जिन्हें ठहर कर पढ़ना पड़ता है। अनुपमा की कविताएं भी ऐसी ही हैं। यूं ही नहीं वे भाषा में सुस्ताने की बात करतीं हैं। इसके गहरे...
अनुपमा कुछ कविताएं ऐसी होती हैं, जिन्हें ठहर कर पढ़ना पड़ता है। अनुपमा की कविताएं भी ऐसी ही हैं। यूं ही नहीं वे भाषा में सुस्ताने की बात करतीं हैं। इसके गहरे...
पायल भारद्वाज पायल भारद्वाज युवतर एवं बेहद संभावनाशील कवि हैं। उनकी कविताओं में स्त्री के दर्द और बेवशी के साथ समय की विडंबना भी झलक रही है। सहज भाषा में लिखी ये...
नेहा नरूका नेहा नरूका का लेखन साहसिक रचनाशीलता का दुर्लभ उदाहरण प्रस्तुत करता है - साथ ही प्रतिबद्ध लेखन अब तक की उनकी रचनाओं में एक कवित्व कौशल के साथ मौजूद है।...
तृष्णा बसाक तृष्णा बसाक बांग्ला साहित्य जगत की एक जानी-मानी और चर्चित कवि एवं कथाकार हैं। उनके लेखन की समृद्धि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस अल्प वय...
मालिनी गौतम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित एक विशेष श्रृंखला के तहत आज प्रस्तुत है मालिनी गौतम की कविताएँ। मालिनी गौतम कविता की दुनिया में एक पहचाना नाम है। उनकी...
प्रिया वर्मा समकालीन हिंदी कविता परिसर में पिछले कुछ वर्षों में प्रिया वर्मा ने अपनी सशक्त कविताओं के माध्यम से अलग पहचान बनाई है। जीवन को समग्रता में देखने का यह तरीका...
उर्मिला शिरीष स्पेस उर्मिला शिरीष मेरौ मन अनत कहाँ सुख पावें जैसे उड़ जहाज को पंछी पुनि जहाज पे आये। (सूरदास) आज चौथा दिन था जब वे मुझे नजर...
मधु कांकरिया जीवन का मर्म कानून से नहीं समझा जा सकता मधु कांकरिया सोचा न था कि वह रात इतनी उदास होगी क्योंकि जिंदगी से लबालब भरे उस...
वंदना मिश्रा वंदना मिश्र की कविताओं में उन मामूली स्त्रियों के दुःख दर्ज हैं जो हरदम हमारे आस-पास रहकर हमारे जीवन को आसान बनातीं हैं। यूं तो स्त्री विमर्श के नाम पर...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
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