तेरी ज़ुल्फों के आर पार कहीं इक दिल अजनबी सा रहता हैलम्हा लम्हा जो मिला था कि हादिसों जैसावो वक्त...
कविता से लंबी उदासीकविताओं से बहुत लंबी है उदासीयह समय की सबसे बड़ी उदासी हैजो मेरे चेहरे पर कहीं से...
लेकिन ये अजीब ही बात है कि सबलोग यहाँ बोलते ही हैं, या बोलते रहना चाहते हैं। बोलने वाला सुनना...
एकइतिहास के जौहर से बच गई स्त्रियांमहानगर की अवारा गलियों में भटक रही थींउदास खुशबू की गठरी लिएउनकी अधेड़ आँखों...
जब हम प्यार कर रहे होते हैंतो ऐसा नहीं कि दुनिया बदल जाती हैबस यहीकि हमें जन्म देने वाली मां...
जैसे एक लाल-पीलीतितलीबैठ गई होकोरे कागज पर नीर्भिकयाद दिला गई होबचपन के दिन....
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