अमित आनंद |
उम्मीद
मासूम
सम्प्रति- कंप्यूटर व्यवसाय
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
अमित आनंद |
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
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अमित पाण्डेय फेसबुक पर मेरे आत्मीय कवि रहे हैं.. इनकी आम कविताओं में मिट्टी की गंध पूरे सोंधेपने से टेर लगाती है तो इनकी प्रेम कविताओं में मौजूद हरसिंगार की खुशबू सच में बासी अहसास पर नरम स्पर्श की मरमरी परत चढाने में सक्षम. उनकी कविताओं में मौजूद सुगनी जैसी किरदार अपनी उपस्थिति मात्र से दृश्य को जिंदा कर देती हैं . आने वाले समय में मुझे इस युवा कवि से सबसे ज्यादा उम्मीद है.. नीम हकीम समय की पहरुआ हैं अमित की कवितायेँ.. शुभकामनयें प्रिय कवि को.. शुक्रिया अनहद..
आपका बहुत बहुत शुक्रिया अमित जैसे देसज कवि को प्रोत्साहित करने के लिए .. आपने बिलकुल ठीक कहा की "उनकी कविताएं पढ़ते हुए हम एक ऐसी दुनिया में जाते हैं, जो आज के शोर भरे समय में हमारी आंखों से ओझल है " अमित जो अपनी कविताओं में कभी बुद्ध के बुद्धत्व के ऊपर यशोधरा के दुःख रख देता हैं .तो कभी राम को कहता हैं "हम कुछ और नहीं तुम्हारी ही तली के अँधेरे हैं" यह अपनी कविताओं से कभी टंकी के निचे जने पिल्लों में भी मातृत्व की पवित्र गूंज उठा देता हैं, .. सराहनीय कार्य किया आपने .. आपका आभार और अमित को बधाई ..!
-Aharnishagar
vimlesh bahut alag dhang ki kavitaein padhwane ke lie dhanyawad
''कस्तूरी'' के बाद ….एक बार फिर अमित को यहाँ पढ़ना सुखद रहा …ऐसे खूब खूब लिखो अमित :))))
achchi lagin,,,
प्रभावी कवितायेँ | सभी कवितायें मर्म को छूने वाली हैं…
अमित की कविता पर तुम्हारी टिप्पणी गाली की तरह है लकडसुंघा हो तुम
True poetry!!
अमित भाई से कविता के पाठकों को उम्मीदें है। इनमें संभावनाएं है एक सशक्त कवि की उपस्थिति दर्ज करने की। ‘और भी फलित होगी यह छवि!’
आपने कहा कि ‘….वे पहली बार किसी ब्लॉग पर अपनी कविताओं के साथ उपस्थित हैं।’ यह तथ्यात्मक रूप से दुरुस्त नहीं है। इनकी ये कविताएं इसका प्रमाण हैं, पोस्ट है http://wp.me/p1CJf5-g9
shukriya jo in kavitao se parichay karaya
क्यों भाई अनामदास (anonymous) जी, आपको क्या समस्या है शायक जी की टीप से? लगता है न तो आपको अमित की कविता ही समझ में आयी और न ही शायक की टीप…भगवान् भला करे आपकी कविता की समझ को !!
Amit ka jabab nahi…
ha ha 🙂
मित्र अमित को पिछल्ले छ–सात महिनों से पढ रहा हुँ । अमित की कविताएँ पृथ्वी के हर चरअचर प्राणी के दर्दको बयान करने की क्षमता रखते हैं । कभी हमारे अपने आपसी रिस्तेनातों के महीन धागे सी सम्बन्ध को गजब बुनती हैं ये कविताएँ । कभी हमारे समाज को गजब उतारती हैं ये कविताएँ ।
ये कविताएँ हमें जीवन में आशावान बनाती हैं कभी हमें रुलाती हैं । कभी जीवन में हारते हारते जिताते हैं ये सुन्दर कविताएँ । ये कविताएँ आँसु के बारे मे हैं । ये कविताएँ हम में अभी भी बाँकी ईन्सानियत के बारे में हैं और इस तरह हम ईन्सानों का अच्छा परिचय बताती हैं ये कविताएँ । सरल शब्दों में गम्भीर, गहिरी और सुन्दर कविताएँ ।
शब्दों के जादूगर
कविता से मेरा पहला परिचय
जो सुखद रहा