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विजय सिंह |
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
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विजय सिंह |
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
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के. पी. अनमोल हिन्दी ग़ज़ल की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। अनमोल की गज़लों का संसार धीरे धीरे बड़ा हुआ है और...
हेमंत देवलेकर समकालीन कविता के चर्चित हस्ताक्षर हैं । उनकी कविताओं के दायरे को इसी बात से समझा जा सकता है कि देश की...
सुरेन्द्र प्रजापति सुरेन्द्र की कविताएँ भूख, अभाव और शोषण के दुःख से पैदा हुई हैं - यहाँ मैं जानबूझकर ‘लिखी गई हैं’ नहीं कह रहा क्योंकि...
हर वह व्यक्ति जो अपने मन की बात अपनी भाषा में लिखकर लयबद्ध अभिव्यक्त करता है वह कवि होता है। यहाँ ठीक उसी तरह भांति-भांति के...
रेखा चमोली की कविताएँ स्थानीय दिखती हुई भी आदमी की संवेदनाओं से जुड़कर इसलिए वैश्विक हो जाती हैं की वे स्त्री विमर्श के बने बनाये...
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ताकि बचा रहे दमन के दिनों में
लड़ने का सबसे आसान रास्ता
सभी कविताओं में एक ताजगी है….पर इसमें विमलेश त्रिपाठी की कविताओं की महक भी शामिल है …. बधाई !
विजय के लिए जब विमलेश जी ने कहा कि इनकी कविताओं में आपको नवान्न की महक मिलेगी तो बिल्कुल सही कहा….बहुत ताजगी लिए मासूम इच्छाओं, अवरोधों और प्रतिरोधों को कवि ने बिना किसी अतिरिक्त बौद्धिकता के रख दिया है…..कविताओं की लय और प्रवाह तो देखने लायक है……सचमुच कवि के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आशान्वित होना चाहिए……बधाई विजय…..
सच में विजय सिंह की कविताओं में बहुत ताजगी है। वे बहुत उम्मीद जगाने वाले कवि हैं। बधाई विजय, शुभकामनाएं।
keep it up, vijay ji maja aa gaya. aage bhi naye andaje byaan ko aur aur aur aur sun na chahungi. really wonderful.