संतोष कुमार चतुर्वेदी -09450614857 |
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
संतोष कुमार चतुर्वेदी -09450614857 |
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रंजीता सिंह गहन अनुभूति और साकारात्मक संवेदना की कवि हैं - उनकी कविताएँ पढ़कर निश्चय ही इस पर यकीन कायम होने लगता है। उनकी कविता की...
जसवीर त्यागी अपनी कविताओं में न केवल संबंधों के बारीक धागे बुनते हैं बल्कि वे शब्दों के माध्यम से भावनाओं की एक ऐसी मिठास भी उत्पन्न...
युवा कवि और पत्रकार 'प्रणव प्रियदर्शी' लगभग कई वर्षों से लगातार कविता के क्षेत्र में उचित हस्तक्षेप कर रहें हैं । प्रस्तुत कविताएँ उनके सद्य प्रकाशित...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
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Satya Mitra Dubey( Satya Dubey)
Sunder tatha bhawpurna. badhaee..
अगरचे बेनाम से इस पनीले रंग को
इसकी सारी रंगीनियत के साथ
बचाये रखना चाहते हो
तो बचा लो
अपनी आखों में थोड़ा सा पानी
जहाँ से फूटते आये हैं
रंगों के तमाम सोते
samvedna ko bachaye rakhne ki tadap isse behtar kya ho sakti hai,behad sunder kavitaye.n hai.n santosh ji ki , unhe badhayee, dhanyvaad aapko bhi aise samirdh rachnakar se parichit karvane ke liye.
Dr. Dinesh Tripathi 'shams'
अगरचे बेनाम से इस पनीले रंग को
इसकी सारी रंगीनियत के साथ
बचाये रखना चाहते हो
तो बचा लो
अपनी आखों में थोड़ा सा पानी
जहाँ से फूटते आये हैं
रंगों के तमाम सोते bahut hi sundar aur utsahit karne wali kavitaayen hai hamlogo ke liye …………….vimlesh bhaiya dhanyavaad &santosh bhaiyaa ko badhaayee
तीनों बेहतरीन कविताएं। बहुत बहुत बधाई।
तीनों बेहतरीन कविताएं। धन्यवाद|