![]() |
मेरी कविताएं ही मेरा वक्तव्य हैं। |
दाड़ो दोई हाथ
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
![]() |
मेरी कविताएं ही मेरा वक्तव्य हैं। |
दाड़ो दोई हाथ
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
जन्म : 7 अप्रैल 1979, हरनाथपुर, बक्सर (बिहार) भाषा : हिंदी विधाएँ : कविता, कहानी कविता संग्रह : कविता से लंबी उदासी, हम बचे रहेंगे कहानी संग्रह : अधूरे अंत की शुरुआत सम्मान: सूत्र सम्मान, ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार, युवा शिखर सम्मान, राजीव गांधी एक्सिलेंस अवार्ड
अर्चना लार्क की कविताएँ यत्र-तत्र देखता आया हूँ और उनके अंदर कवित्व की संभावनाओं को भी महसूस किया है लेकिन इधर की उनकी कुछ कविताओं को पढ़कर लगा...
नेहा नरूका समकालीन हिन्दी कविता को लेकर मेरे मन में कभी निराशा का भाव नहीं आय़ा। यह इसलिए है कि तमाम जुमलेबाज और पहेलीबाज कविताओं के...
आधा डूबा आधा उठा हुआ विश्वविद्यालय भरत प्रसाद ‘चुनाव’ शब्द तानाशाही और अन्याय की दुर्गंध देता है। जबकि मजा यह कि...
सत्ता के बहुभुज का आख्यान ( उदय प्रकाश की कथा सृष्टि से गुजरते हुए ) विनय कुमार मिश्र उदय प्रकाश ‘जिनके मुख देखत दुख उपजत’...
सुबोध सरकार सुबोध सरकार बांग्ला भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित कविता-संग्रह द्वैपायन ह्रदेर धारे के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2009-2022 अनहद कोलकाता by मेराज.
आपने अपनी प्रस्तावना में सही लिखा – समकालीन कविताओं के बीच अंबर रंजना की इन कविताओं ने अपने शिल्प की वजह से अचानक चौंका सा दिया. उनके लय में अपनी ताल बिठाने में वक्त लगा जिसकी वजह से एकाधिक बार उनकी कविताओं को पढ़ना पड़ा. पर अंततः उनकी कविताओं से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका.’दो’ और ’पाँच’ कुछ ज्यादा रुचिं. प्रस्तुत करने के लिए आपका शुक्रिया.उन्हें इन कविताओं के लिये मेरी बधाई प्रेषित करें.
बहुत बढिया है.. दिल को छू गईं…..
naye ka swagat hona hi chahiye !
in kavitaon mein chhayavadi daur ki jhalak milti hai… kavi ke prati meri shubhkamana.
बहुत बढिया है
अंबर की कविताएं सचमुच अलग तरह की हैं…कविता में यह लय की वापसी के संकेत हैं…आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं ..युवाओं को जगह दे कर…बधाई…अरूण शीतांश आरा
sundor kovita
आभार आप मित्रों का….