अनहद कोलकाता एवं बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 4था अनहद कोलकाता सम्मान समारोह 1 मार्च 2025 को विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहयोग से सपन्न हुआ जिसमें महत्वपूर्ण कवि एवं विज्ञान लेखक डॉ. सुनील कुमार शर्मा को मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता साहित्य सम्मान से सम्मानित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ. पुष्पा कुमारी ने अनहद कोलकाता के संस्थापक डॉ विमलेश त्रिपाठी एवं सम्मानित कवि डॉ सुनील कुमार शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह का कार्यक्रम विश्वविद्यालय में बार बार होते रहना चाहिए जिससे समकालीन लेखन से छात्रों का परिचय हो सके।
उक्त समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ आलोचक प्रो. रविभूषण ने सुनील कुमार शर्मा की कविताओं में स्मृति के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि कविता में सारे विषय घुल जाते हैं और स्मृतियां उन्हें सहेज कर कविता का रूप ग्रहण लेती है जैसा कि सुनील जी की कविताओं में दृष्टिगत होता है। उन्होंने विमलेश त्रिपाठी की एक कविता ‘याद’ का पाठ करते हुए सुनील जी कविताओं का मर्म उद्घाटित किया और कहा कि कविता ही इस यांत्रिक समय में मनुष्यता की रक्षा कर सकती है।
उक्त समारोह में डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने अनहद कोलकाता का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि मेरे लिए कविता सांस लेने की तरह है। उक्त अवसर पर उन्होंने अपनी एक मार्मिक कविता – आसान नहीं होता पिता होना – का पाठ किया।
उक्त कार्यक्रम में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए न केवल अनहद कोलकाता के महत्त कार्यों का विवेचन किया वरन सम्मानित कवि की कई महत्वपूर्ण कविताओं का मार्मिक पाठ भी किया।
डॉ. मुकुंद रविदास ने अनहद कोलकाता द्वारा सम्मानित कवि को प्रदत्त प्रशस्ति पत्र का वाचन किया जिसमें इस बार के निर्णायक के महत्वपूर्ण सदस्य वरिष्ठ कवि केशव तिवारी ने अपनी संस्तुति में लिखा था- डॉ. सुनील कुमार शर्मा हिन्दी में उस परम्परा के लेखक हैं जिनकी जड़ें विज्ञान और भारतीय परम्परा में धँसी हुई हैं। उन्होंने हिन्दी कविता को न केवल नए शब्द दिए हैं वरन् चैट जीपीटी एवं कृत्रिम मेधा पर भी हिन्दी भाषा में महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं। विज्ञान एवं तकनीक से संबंधित उनके अनेक शोध आलेख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में छप चुके हैं जो उनकी शोध क्षमता एवं मेधा को सिद्ध करते हैं। इस बार अनहद कोलकाता के निर्णायक मण्डल के सदस्य वरिष्ठ कवि केशव तिवारी ने अनहद कोलकाता द्वारा आयोजित कविताई की एक शाम कार्यक्रम में चौथा मनीषा त्रिपाठी अनहद कोलकाता पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए बताया कि यह सम्मान अनहद कोलकाता की तरफ से एक ऐसे साहित्यकार को दिया जा रहा है जो हिन्दी कविता और गद्य को न केवल अपनी नई भाषा और विषयों से समृद्ध कर रहे हैं वरन अपने कवित्व से सराहे भी जा रहे हैं साथ ही अपने वैज्ञानिक लेखन से हिन्दी भाषा को समृद्ध करते हुए ऐसे ही गंभीर लेखन को प्रत्साहित भी कर रहे हैं। उन्होंने यह यह भी कहा कि डॉ. सुनील कुमार शर्मा की रचनाओं में समय की गूँज है।
कोलकाता से पहुंचे संजीदा कवि एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. संजय रॉय ने सुनील कुमार शर्मा की कविताओं की सूक्ष्म पड़ताल करते हुए कहा कि निश्चय ही यह कवि सम्मान के योग्य हैं एवं उनकी कविताएं, गज़लें एवं विज्ञान पुस्तकें रेखांकित करने लायक हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत से हुई और इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के प्रध्यापकों, छात्रों सहित धनबाद के कई साहित्यविद एवं दर्शक मौजूद थे जिनमें मनमोहन पाठक का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।कार्यक्रम के दौरान एवं बाद तक मिडिया के लोगों की भीड़ जमी रही।
विदित हो कि मनीषा त्रिपाठी स्मृति सम्मान अनहद कोलकाता की ओर से हर वर्ष एक ऐसे कला साधक को दिया जाता है जिसने साहित्य एवं कला के क्षेत्र में महत्त कार्य करते हुए कुछ नया जोड़ा हो जिसमें सम्मानित रचनाकार को ग्यारह हजार रुपये की धनराशि के साथ प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है। इसके पूर्व यह सम्मान हिन्दी के महत्त कवि एवं एक्टिविस्ट केशव तिवारी और महिलाओं के सवालों को अपनी कविता में पूरजोर तरीके से उठाने वाली हिन्दी की ही कवि रूपम मिश्र तथा महत्त कवि कथाकार, पत्रकार, फिल्मकार एवं चित्रकार डॉ. अभिज्ञात को दिया जा चुका है।
उक्त समारोह का संचालन डॉ. आदित्य विक्रम सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अनहद कोलकाता के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ विमलेश त्रिपाठी ने किया।
प्रस्तुतिः धनोलपति