• मुखपृष्ठ
  • अनहद के बारे में
  • रचनाएँ आमंत्रित हैं
  • वैधानिक नियम
  • संपर्क और सहयोग
No Result
View All Result
अनहद
  • साहित्य
    • कविता
    • कथा
    • अनुवाद
    • आलोचना
    • समीक्षा
    • संस्मरण
    • विविध
  • कला
    • सिनेमा
    • पेंटिंग
    • नाटक
    • नृत्य और संगीत
  • लेखक
  • गतिविधियाँ
  • विविध
  • साहित्य
    • कविता
    • कथा
    • अनुवाद
    • आलोचना
    • समीक्षा
    • संस्मरण
    • विविध
  • कला
    • सिनेमा
    • पेंटिंग
    • नाटक
    • नृत्य और संगीत
  • लेखक
  • गतिविधियाँ
  • विविध
No Result
View All Result
अनहद
No Result
View All Result
Home Uncategorized

द्वितीय अनहद कोलकाता सम्मान 2022 : एक रिपोर्ट

by Anhadkolkata
January 17, 2023
in Uncategorized, गतिविधियाँ
A A
0
Share on FacebookShare on TwitterShare on Telegram

Related articles

रूपम मिश्र की कविताओं पर मृत्युंजय पाण्डेय का आलेख

ज्ञान प्रकाश पाण्डे की ग़ज़लें

रूपम मिश्र को मनीषा  त्रिपाठी अनहद कोलकाता सम्मान-2022

अनहद कोलकाता एवं एमटीएफ फिल्म द्वारा आयोजित एक पारिवारिक कार्यक्रम में आज चर्चित युवा कवि रूपम मिश्र को मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान -2022 प्रदान किया गया जिसमें  देश के महत्वपूर्ण रचाकारों सहित कोलकाता के साहित्य प्रेमियों की भी मौजूदगी रही। कार्यक्रम की शुरूआत युवा कवि अजय सिंह ने रवीन्द्रनाठ टैगोर की एक प्रसिद्ध कविता के पाठ से किया। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ-कवि कथाकार शैलेन्द्र शान्त ने की तथा इस सत्र में आसनसोल से आये युवा कवि निशांत सहित संजय राय, संदीप प्रसाद और पूनम सोनछात्रा ने अपनी कविताओ का पाठ किया। इस सत्र का संचालन कोलकाता विश्वविद्यालय की शोधार्थी एवं युवा कवि प्रियंका सिंह ने किया।

सम्मान सत्र में रूपम मिश्र को ग्यारह हजार रूपए की राशि, प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। रूपम मिश्र की कविताओं पर अपनी बात रखते हुए युवा आलोचक मृत्युंजय पाण्डेय ने कहा कि रूपम मिश्र  ने अपनी कविताओं के माध्यम से पितृसत्ता को गंभीर चुनौती दी है। उनकी कविताएँ भाषा और मुहावरे का नया रूप गढ़ती हैं। उनका दुख प्रेम का दुख नहीं बल्कि समाज के शोषित वर्ग का दुख है जिसमें स्त्रियों की सदियों की पीड़ा भी शामिल है। आयोजन के लिए वरिष्ठ आलोचक जीवन सिंह ने  अपनी उपस्थिति की असमर्थता जाहिर करते हुए रूपम मिश्र की कविताओं पर एक आलेख भेजा था जिसका पाठ प्रियंका सिंह ने किया। आलेख में जीवन सिंह ने रूपम मिश्र की कविताओं की जनपदीयता और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को गंभीरता से रेखांकित किया है।  वरिष्ठ कथाकार सेराज खान बातिश ने कहा कि मनीषा जी को इस तरह याद करना सुखद और अनुकरणीय है।

पुरस्कार के लिए रूपम मिश्र का चयन चर्चित कवि केशव तिवारी द्वारा किया गया था। केशव तिवारी कार्यक्रम में शामिल न हो सके लेकिन उन्होंने भी अपने संदेश के माध्यम से अपनी बातें रखी।

रूपम मिश्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि कविताएँ ही मेरी पहचान हैं – मैंने जो कुछ लिखा है वह मेरा अपना अनुभव है। कवि के सहज पाठ और कविताओं के सरोकार ने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की समाप्ति फैज अहमद फैज का नज्म गाकर नेहा मिश्र ने किया और धन्यवाद ज्ञापन आयुष त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में सेराज खान बातिश सहित विनय मिश्र, सीमा शर्मा, प्रभात मिश्र, विनोद कुमार, पवन सिंह, उमेश त्रिपाठी आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम पूर्णतः अनौपचारिक था और बहुत ही सहजता से सम्पन्न हुआ।

उक्त कार्यक्रम को जल्द ही यूट्यूब पर उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रस्तुति: राजीब समाद्दार
Reply allReplyForward
ShareTweetShare
Anhadkolkata

Anhadkolkata

अनहद कोलकाता में प्रकाशित रचनाओं में प्रस्तुत विचारों से संपादक की सहमति आवश्यक नहीं है. किसी लेख या तस्वीर से आपत्ति हो तो कृपया सूचित करें। प्रूफ़ आदि में त्रुटियाँ संभव हैं। अगर आप मेल से सूचित करते हैं तो हम आपके आभारी रहेंगे।

Related Posts

रूपम मिश्र की कविताओं पर मृत्युंजय पाण्डेय का आलेख

by Anhadkolkata
January 12, 2023
0

युवा कवि रूपम मिश्र को 7 जनवरी 2023 को  द्वितीय मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान प्रदान किया गया है। कवि को बहुत बधाई। ध्यातव्य कि...

ज्ञान प्रकाश पाण्डे की ग़ज़लें

by Anhadkolkata
December 24, 2022
0

ज्ञान प्रकाश पाण्डे     ज्ञान प्रकाश पाण्डे की ग़ज़लें एक ओर स्मृतियों की मिट्टी में धँसी हुई  हैं तो दूसरी ओर  वर्तमान समय की नब्ज...

ललन चतुर्वेदी की शीर्षकहीन व अन्य कविताएं

by Anhadkolkata
November 27, 2022
0

ललन चतुर्वेदी कविता के बारे में एक आग्रह मेरा शुरू से ही रहा है कि रचनाकार का मन कुम्हार  के आंवे की तरह होता है –...

साहित्यिक पत्रिका सम्मेलन: एक रिपोर्ट

by Anhadkolkata
June 25, 2022
0

साहित्यिक पत्रिका सम्मेलनसंकट से संभावनाओं की ओरप्रस्तुति : पीयूषकांतकोलकाता में 16-17 फरवरी 2019 को आयोजित साहित्यिक पत्रिका सम्मेलन इस दृष्टि से महत्वपूर्ण था कि यह जयपुर...

by Anhadkolkata
January 23, 2013
0

Normal 0 false false false EN-US X-NONE HI      केदारनाथ सिंह के काव्य में लोक संस्कृति और लोकतंत्र विमलेश त्रिपाठी“पिछले 20-21 साल से दिल्ली में...

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2009-2022 अनहद कोलकाता by मेराज.

No Result
View All Result
  • साहित्य
    • कविता
    • कथा
    • अनुवाद
    • आलोचना
    • समीक्षा
    • संस्मरण
    • विविध
  • कला
    • सिनेमा
    • पेंटिंग
    • नाटक
    • नृत्य और संगीत
  • लेखक
  • गतिविधियाँ
  • विविध

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2009-2022 अनहद कोलकाता by मेराज.