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Home कविता

निशांत की कोलकाता श्रृंखला की कुछ कविताएं

by Anhadkolkata
June 25, 2022
in कविता, साहित्य
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निशांत प्रेम-और बेरोजगारी के कवि के रूप में काफी लोकप्रिय हुए थे। सत्ताईस साल की उम्र में कविता पर उन्हें प्रतिष्ठित भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। उनकी कविता की एक किताब जवान होते हुए लड़के का कुबुलनामा भारतीय ज्ञानपीठ से पिछले साल छप कर आयी है। निशांत की लंबी कविताओं का एक संग्रह  जी हां, लिख रहा हूं राजकमल प्रकाशन से  छपकर आनेवाला है, जिसका लोकार्पण  दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में होना है। उक्त संग्रह की कुछ अप्रकाशित  कविताएं  अनहद के पाठकों के लिए।
निशांत – 09239612662
एक और बात जिसे कहना चाहिए। रवीन्द्रनाथ टैगोर की 13 कविताओं पर आधारित फिल्म त्रयोदसी में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्मकार-कवि बुद्धदेव दासगुप्ता के साथ बतौर सहायक निर्देशक और अभिनेता निशांत कार्य कर रहे हैं। उनको ढेर सारी बधाइयां…







विक्टोरिया मेमोरियलः दो कविताएं
एक
उस भवन में
कोई नहीं रहता
एक अकेली परी
उसके गुंबद पर नाचा करती है।
दो
दुनिया में
यही एक जगह है
जहां मैं
तुम्हे प्यार कर सकता हूं
अहा
पांच रूपया
और विक्टोरिया मेमोरियल…।
जादू शुरू होता है
(कवि-फिल्मकार बुद्धदेव दासगुप्ता के लिए)
एक
जादू शुरू होता है
पहले बत्तियां बुझाई जाती हैं
फिर एक प्रतिसंसार
एक नई दुनिया…
अपने जैसी ही शुरू होती है
चिडियों की आवाज
एक पूरा खड़ा पेड़   एक गिलहरी   पत्ते का गिरना
हवा का बहना  पानी का चलना
बंशी का बजना  पृथ्वी का घूमना
सपने जैसा कुछ सच होना
एक कविता पूरी…
अपनी पूरी वजूद गढ़ने लगती है
हम जब उसके सांसों से मिलाकर लेने लगने लगते हैं सांस
उसकी आंखों से देखने लगते हैं दुनिया
शामिल हो जाते हैं अपनी ही एक नई दुनिया में, तब…
जादू शुरू होता है।
दो
एक कवि है
एक फिल्मकार है
एक अच्छा इंसान है
आप उसके नजदीक जाइए…
अब, जादू शुरू होता है…।

हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
Anhadkolkata

Anhadkolkata

जन्म : 7 अप्रैल 1979, हरनाथपुर, बक्सर (बिहार) भाषा : हिंदी विधाएँ : कविता, कहानी कविता संग्रह : कविता से लंबी उदासी, हम बचे रहेंगे कहानी संग्रह : अधूरे अंत की शुरुआत सम्मान: सूत्र सम्मान, ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार, युवा शिखर सम्मान, राजीव गांधी एक्सिलेंस अवार्ड

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Comments 2

  1. संगीता स्वरुप ( गीत ) says:
    10 years ago

    परिचय अच्छा लगा ॥आभार

    Reply
  2. कुलदीप "अंजुम" says:
    10 years ago

    खूब ….बढ़िया !

    Reply

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अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।

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