जैसे एक लाल-पीली
तितली
बैठ गई हो
कोरे कागज पर नीर्भिक
याद दिला गई हो
बचपन के दिन….
के . पी . अनमोल की ग़ज़लें
के. पी. अनमोल हिन्दी ग़ज़ल की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। अनमोल की गज़लों का संसार धीरे धीरे बड़ा हुआ है और...
जैसे एक लाल-पीली
तितली
बैठ गई हो
कोरे कागज पर नीर्भिक
याद दिला गई हो
बचपन के दिन….
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के. पी. अनमोल हिन्दी ग़ज़ल की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। अनमोल की गज़लों का संसार धीरे धीरे बड़ा हुआ है और...
हेमंत देवलेकर समकालीन कविता के चर्चित हस्ताक्षर हैं । उनकी कविताओं के दायरे को इसी बात से समझा जा सकता है कि देश की...
सुरेन्द्र प्रजापति सुरेन्द्र की कविताएँ भूख, अभाव और शोषण के दुःख से पैदा हुई हैं - यहाँ मैं जानबूझकर ‘लिखी गई हैं’ नहीं कह रहा क्योंकि...
हर वह व्यक्ति जो अपने मन की बात अपनी भाषा में लिखकर लयबद्ध अभिव्यक्त करता है वह कवि होता है। यहाँ ठीक उसी तरह भांति-भांति के...
रेखा चमोली की कविताएँ स्थानीय दिखती हुई भी आदमी की संवेदनाओं से जुड़कर इसलिए वैश्विक हो जाती हैं की वे स्त्री विमर्श के बने बनाये...
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