विनीता परमार |
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
विनीता परमार |
हस्ताक्षर: Bimlesh/Anhad
अनहद कोलकाता में प्रकाशित रचनाओं में प्रस्तुत विचारों से संपादक की सहमति आवश्यक नहीं है. किसी लेख या तस्वीर से आपत्ति हो तो कृपया सूचित करें। प्रूफ़ आदि में त्रुटियाँ संभव हैं। अगर आप मेल से सूचित करते हैं तो हम आपके आभारी रहेंगे।
हिन्दी भाषा के महत्वपूर्ण कवि 'अभिज्ञात' कथा एवं कविता लेखन के क्षेत्र में लगभग चार दशकों से सक्रिय हैं तथा महत्वपूर्ण योगदान दे रहें है...
संजय बरुडे मराठी के एक जाने माने हुए कवि हैं । हिन्दी में भी उन्होंने बेहतरीन कविताएँ लिखीं हैं । अनुवाद के क्षेत्र में उनका काम...
विशाखा मुलमुले की कविताएँ भावों के एक जादुई वितान मे रचि सुख -दुख और जीवन के रहस्य से पर्दा उठाती कुछ कहतीं हैं । फूल -पत्ते...
रंजीता सिंह गहन अनुभूति और साकारात्मक संवेदना की कवि हैं - उनकी कविताएँ पढ़कर निश्चय ही इस पर यकीन कायम होने लगता है। उनकी कविता की...
जसवीर त्यागी अपनी कविताओं में न केवल संबंधों के बारीक धागे बुनते हैं बल्कि वे शब्दों के माध्यम से भावनाओं की एक ऐसी मिठास भी उत्पन्न...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2009-2022 अनहद कोलकाता by मेराज.